25 Aug
25Aug

मन भर रहा मनमुटाव से

दिल भर रहा दर्द के घाव से

सफर के साथी सब छूट रहे हैं

                     सच्चे रिश्ते अब टूट रहे हैं...▪️


वफा करने वाले "अभी" कहां मिलते हैं

बेवफाओं से भरी ये सारी जहां है

वहम सच का देकर लोग बोल झूठ रहे हैं 

                  सच्चे रिश्ते अब टूट रहे है...▪


प्रीत की रीत ना जाने यह दुनिया

अपनों को भी बेगाना बनाए ये दुनिया

दिमाग वाले दिलवालों का फायदा लूट रहे हैं 

                सच्चे रिश्ते अब टूट रहे हैं...▪️


      कसमें खाकर वादे करना, ये सभी झूठे दिलासे हैं 

      इंसान बदल जाता है,  वक्त वक्त की बातें हैं...



Comments
* The email will not be published on the website.
I BUILT MY SITE FOR FREE USING